Shree Navdurga Stotra and Stuti | श्री नवदुर्गा स्तोत्र अवं स्तुति

Navdurga Stotra: नवदुर्गा स्तोत्र देवी दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति करता है। ये नौ रूप नवरात्रि के नौ दिनों में पूजे जाते हैं। नवदुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से माना जाता है कि भक्तों पर देवी दुर्गा की कृपा होती है और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है।

नवदुर्गा स्तोत्र ( Navdurga Stotra ) का विशेष महत्व नवरात्रि के दौरान होता है। इस अवधि में देवी दुर्गा की कृपा सबसे अधिक होती है और स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। Shree Navdurga Stotra and Stuti in Sanskrit

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी ।
तृतीयं चन्द्रघटेति कुष्‍माण्‍डेति चतुर्थकं ॥

पंचमं स्कन्दमातेति षष्‍ठं कात्यायनिति च ।
सप्‍तमं कालारात्रीति महगौरिति च अष्‍ठंमम्‌ ॥

नवमं सिध्हिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्‍म्णैव महात्मना ॥

वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥

दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥

पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥

सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥

सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥

चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी॥6॥

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥

श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥

॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥


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