Karwa Chauth 2024: पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाने वाला त्योहार
Karwa Chauth 2024: इस साल करवा चौथ का पर्व 20-Oct-2024 रविवार को मनाया जाएगा। सुहागन महिलाएं इस दिन पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
क्यों मनाया जाता है करवा चौथ?
करवा चौथ ( Karwa Chauth ) का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मुख्य रूप से सुहागन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मनाया जाता है।
करवा चौथ मनाने के पीछे कई कारण हैं:
- पति की लंबी उम्र: यह सबसे प्रमुख कारण है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और उन्हें कोई बीमारी नहीं होती।
- दांपत्य सुख: यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है और उनके बीच प्रेम और विश्वास बढ़ाता है।
- सौभाग्य: सुहागन महिलाएं अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए यह व्रत रखती हैं।
- धार्मिक महत्व: कई धार्मिक ग्रंथों में करवा चौथ के महत्व का वर्णन किया गया है।
- सांस्कृतिक महत्व: यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है और सदियों से मनाया जा रहा है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त ( Karva Chauth Shubh Muhurat )
पूजा का समय: शाम 5:46 बजे से शाम 7:02 बजे तक
चंद्र दर्शन: शाम 7:54 बजे
ध्यान रखें: इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया है। इसलिए पूजा के समय भद्रा काल से बचें।
करवा चौथ की तैयारी
- सरगी: सुबह उठकर सासू मां या माँ द्वारा बहू को दी जाने वाली सरगी का विशेष महत्व होता है।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए दीपक, अगरबत्ती, रोली, चंदन, फूल आदि की व्यवस्था करें।
- व्रत का संकल्प: चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले व्रत का संकल्प लें।
करवा चौथ की कथाएं: ( Karwa Chauth Stories )
करवा चौथ ( Karwa Chauth ) के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। इन कथाओं में देवी पार्वती, द्रौपदी और अन्य देवियों के व्रत रखने का उल्लेख मिलता है। इन कथाओं से हमें यह पता चलता है कि करवा चौथ का त्योहार कितना पुराना है और इसका कितना महत्व है।
कैसे मनाया जाता है करवा चौथ:
- व्रत: सुहागन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं।
- पूजा: शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और पूजा की जाती है।
- सरगी: सुबह सासू मां या माँ द्वारा बहू को दी जाने वाली सरगी का विशेष महत्व होता है।
- मेहंदी: महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं।
- संगीत और नृत्य: महिलाएं मिलकर गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।
आज के समय में करवा चौथ ( Karwa Chauth ) को एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन एक-दूसरे के साथ मिलकर समय बिताती हैं और पारंपरिक वेशभूषा में सजती हैं।
करवा चौथ ( Karva Chauth ) का त्योहार पति-पत्नी के प्यार और समर्पण का प्रतीक है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक हमारे जीवनसाथी के साथ का रिश्ता है।