Diwali 2024: कब है दिवाली? शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय

हर साल हिंदू धर्म में दिवाली ( Diwali 2024 ) का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे साल का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व, रोशनी, खुशियों और माता लक्ष्मी की पूजा का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन रात में माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। दिवाली ( Diwali ) का त्योहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है।

Diwali 2024: कब है दिवाली?

इस वर्ष दीवाली ( Diwali ) का पर्व 1 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शाम को प्रदोष काल और निशिता काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, दिवाली का दिन शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी से घर में सुख-समृद्धि आती है।

  1. धनतेरस: दिवाली ( Diwali ) से एक दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन लोग धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और नए बर्तन, गहने आदि खरीदते हैं।
  2. नरक चतुर्दशी: धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
  3. दिवाली: दिवाली ( Diwali ) का मुख्य दिन है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों से सजाते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
  4. गोवर्धन पूजा: दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है।
  5. भाई दूज: दिवाली ( Diwali ) के बाद भाई दूज मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त ( Diwali 2024 Puja Muhurat )

  • अमावस्या तिथि: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है और 1 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है।
  • दिवाली का मुख्य दिन: हालांकि अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को भी है, लेकिन दिवाली ( Diwali ) का मुख्य उत्सव 1 नवंबर को मनाया जायेगा
  • शुभ मुहूर्त: 1 नवंबर 2024 को शाम के समय प्रदोष काल और निशिता काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इन मुहूर्तों में की गई पूजा का विशेष फल मिलता है।

समय: शाम 5:36 से शाम 6:16
अवधि: 40 मिनट

यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अधिक शुभ माना जाता है। इस समय में मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

समय: शाम 5:36 से रात 8:11
अवधि: लगभग 2 घंटे 35 मिनट

प्रदोष काल को देवताओं का काल माना जाता है। इस काल में की गई पूजा का विशेष फल मिलता है। दिवाली ( Diwali ) के दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

समय: शाम 6:20 से रात 8:15
अवधि: लगभग 2 घंटे

वृषभ राशि को धन का कारक माना जाता है। इसलिए, वृषभ काल में की गई लक्ष्मी पूजा से धन लाभ होता है।

लक्ष्मी जी की पूजा के लिए कौन सा मुहूर्त चुनें?

  • सबसे शुभ: लक्ष्मी पूजा का मुख्य मुहूर्त (शाम 5:36 से शाम 6:16) सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
  • लंबा मुहूर्त: अगर आप अधिक समय तक पूजा करना चाहते हैं, तो आप प्रदोष काल या वृषभ काल का भी लाभ उठा सकते हैं।

दिवाली 2024: लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त और विस्तृत जानकारी

आपने जो चौघड़िया मुहूर्त बताए हैं, वे दिवाली ( Diwali ) के दिन पूजा के लिए काफी शुभ माने जाते हैं। आइए इन मुहूर्तों और निशिता काल के अभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।

चौघड़िया मुहूर्त

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 06:33 से सुबह 10:42 तक का समय सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  • अपराह्न मुहूर्त (चर): शाम 04:13 से शाम 05:36 तक का समय भी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।
  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ): दोपहर 12:04 से दोपहर 13:27 तक का समय भी शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
इस वर्ष निशिता काल नहीं लगेगा

इस वर्ष 2024 में दिवाली के दिन निशिता काल का अभाव है। इसका मतलब यह है कि इस साल दिवाली ( Diwali ) की रात में वह विशेष समय नहीं आएगा जब देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

निशिता काल का महत्व: निशिता काल को देवी लक्ष्मी का सबसे प्रिय समय माना जाता है। इस समय में की गई पूजा का विशेष फल मिलता है।


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