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Navagraha Mantra Japa to Please the Navagraha | NavGrah: नवग्रह मंत्र: जानिए कौन सा मंत्र किस ग्रह को प्रसन्न करता है

Navagraha Mantra

Navgrah Mantra Jaap: नवग्रह मंत्र: जानिए कौन सा मंत्र किस ग्रह को प्रसन्न करता है

क्या आप जानते हैं कि नवग्रह आपके जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये नौ ग्रह आपके जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। इनका अशुभ प्रभाव आपके जीवन में कई तरह की समस्याएं ला सकता है। Navgrah Mantra Remedies: नौ ग्रह बीज मंत्र ( Nav Grah Beej Mantra ) किसी भी ग्रह विशेष की दशाओं में बहुत उपयोगी होते हैं., इन ग्रहों को प्रसन्न करके आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

नवग्रह मंत्रों का महत्व ( Importance of Navgraha Mantras)

Navgrah Mantra Jaap: नवग्रह मंत्रों का जाप करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। ये मंत्र ग्रहों को शांत करते हैं और आपके जीवन में सुख-शांति लाते हैं।

क्यों करें नवग्रह मंत्रों का जाप? (Why should we chant Navgrah Mantras?)

नवग्रह शांति मंत्र (Navgraha Shanti Mantra)

नवग्रह शांति गायत्री मंत्र (Navgraha Gayatri Mantra)

सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ भास्कराय विद्मिहे महातेजाय धीमहि।
तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात।।

चंद्र गायत्री मंत्र
ॐ क्षीरपुत्राय विद्मिहे मृतात्वाय धीमहि।
तन्नम्चंद्र: प्रचोदयात।।

भौमा गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि।
तन्नो: भौम प्रचोदयात।।

बुध गायत्री मंत्र
ॐ सौम्यरुपाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि।
तन्नो: बुध: प्रचोदयात।।

बृहस्पति गायत्री मंत्र
ॐ गुरुदेवाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि।
तन्नो: गुरु: प्रचोदयात।।

शुक्र गायत्री मंत्र
ॐ भृगुसुताय विद्मिहे दिव्यदेहाय धीमहि।
तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात।।

शनि गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे मृत्युरुपाय धीमहि।
तन्नो: सौरि: प्रचोदयात।।

राहु गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि।
तन्नो: राहु: प्रचोदयात।।

केतु गायत्री मंत्र
ॐ गदाहस्ताय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि।
तन्नो: केतु: प्रचोदयात।।

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